Durgati Naashini Durge - दुर्गतिनाशिनी दुर्गे
दुर्गतिनाशिनी दुर्गे
Durgati Naashini Durge
जय दुर्गतिनाशिनी दुर्गे, माँ ज्ञान- भक्ति का वर दे ।।
मम अँधियारे जीवन को, स्वर्णिम प्रकाश से भर दे ।।
रिपुओं ने मुझको घेरा, बस मिल जाये आश्रय तेरा,
निज तीक्ष्ण खड्ग से मातः, तृष्णासुर का वध कर दे ।।
विद्या है तू हि अविद्या । तू मूल शक्ति है आद्या,
तू ने डाला बन्धन में, तू ही इसका क्षय कर दे ।।
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